Author: deepa kaneriya

Thought

सोचा नहीं था ,ऐसा भी समय आएगा |अपने ही घर में,नजरबंद होकर रह जाएगे |किस्मत थमी हुईं,जिंदगी रुकी हुईं नजर आएगी |

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poem

आया नवरात्रि का शुभ अवसरमिला है नारी को शक्ति दिखाने का अवसर |जितना परेशान करा है, नारी को पुरुषो ने |आज

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poem

यह समय है,अपनी सोच और समझदारी दिखाने का |यह समय है,भय और नकारात्मक ऊर्जा को निकालने कायह समय है,सकारत्मक ऊर्जा

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