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India’s first COVID19 Testing Kits

मुझे गर्व है, में नारी हूँ 
मुझे गर्व है , मेरी हिम्मत और धैर्य  पर 
मुझे गर्व है, मिशन मंगल पर 
मुझे गर्व है,  COVID19 Testing Kits  पर 
मुझे गर्व है, नारी होने पर। 

COVID19 Testing Kits बनाने वाली तीन महिलाओं की कहानी है.


India’s first COVID19 Testing Kits देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच पिछले दिनों एक अच्छी खबर सुनने को मिली थी. कोरोना वायरस से लड़ाई में सबसे अहम चीज है कोविड19 की जांच. दुनिया के तमाम देश भी COVID19 से लड़ाई में ऐसी ही चुनौती का सामना कर रहे हैं. वैश्विक स्तर पर COVID19 की जांच बेहद महंगा है लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने अपना टेस्टिंग किट बनाया है जो काफी सस्ता और अत्यंत आधुनिक है. पुणे की Mylab Discovery Solutions ने यह किट बनाया है. इस किट की कीमत करीब 1200 रुपये है. यह कीमत आयातित टेस्टिंग किट की कीमत का करीब एक चौथाई है. इस किट से रिजल्ट दो से ढाई घंटे में मिलता है, जबकि आयातित किट से रिजल्ट 5 से 6 घंटे में मिलता है. लेकिन मजेदार बात यह है कि इस किट को डेवलप करने में तीन महिला साइंटिस्टों का बेहद अहम योगदान रहा. इन महिला साइंटिस्टों की कहानी काफी हद तक फिल्म मिशन मंगल की कहानी जैसी है. उस फिल्म में जिस तरह से महिला साइंटिस्ट भारत के पहले मार्स मिशन को अंजाम देने के लिए जी जान से लगी हुई थीं ठीक उसी तरह COVID19 Testing Kits बनाने वाली इन महिलाओं की भी कहानी है. आएइ आपको मिलवाते हैं इन तीनों साइंटिस्टों से


Dr Minal Dakhave Bhosale. साइंटिस्ट मीनल दखावे भोसले Mylab Discovery Solutions में रिसर्च एंड डेवलपमेंट की प्रमुख हैं. भोसले की कहानी पहले की मीडिया में छा चुकी है. भोसले ने एक बच्ची को जन्म देने से कुछ घंटे पहले तक इस अहम काम को पूरा करने के लिए काम किया. अभी वह मैटरनिटी लीव पर हैं और अपनी बच्ची की देखभाल कर रही हैं. भोसले ने कहा था कि इस टेस्ट किट को मंजूरी मिलने से करीब एक सप्ताह पहले रात में टेस्ट किट का ट्रायल पूरा किया. इसके अगले दिन इस किट को पुणे स्थित National Institute of Virology को सौंपा गया. इसके बाद इसे अन्य सरकारी एजेंसियों को आगे की मंजूरी के लिए भेजा गया. कोरोना से लड़ाई में अहम योगदान देने वाली डॉक्टर भोसले अभी इस उपलब्धि को सेलिब्रेट करना नहीं चाहतीं. उनका कहना है कि पहले कोरोना से लड़ाई जीत ली जाए फिर हम इसका उत्सव मनाएंगे.


Shefali Desai शेफाली देसाई Mylab Discovery Solutions में executive director of application support हैं. इस कोरोना पीडियर में Shefali Desai का अधिकतर समय ऑफिस में ही बितता है. उनपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी इस तनावपूर्ण माहौल में इस टेस्ट किट का उत्पादन जारी रखना है. उनका कहना है कि जिस तरह से हमारी सेना से जवान बोर्डर पर तैनात हैं उसी तरह हम भी देश के सिपाही हैं जो देश को कोरोना जैसी महामारी से लड़ाई में जीत दिलाना चाहते हैं. clinical diagnostic में 30 साल से अधिक का अनुभव रखने वाली शेफाली Cancer Research Institute अब Tata Memorial Centre में काम कर चुकी हैं. वह molecular diagnostics, cell biology, protein chemistry और genetics की वैज्ञानिक हैं.
Mitali Patil कोरोना टेस्ट के लिए देसी टेस्ट किट विकसित करने में तीसरा बड़ा नाम मिताली पाटिल का है. वह Mylab Discovery Solutions में quality और assurance की प्रमुख हैं. इस कठिन समय में सबसे बड़ी जिम्मेवारी मिताली पाटिल पर है. उनका काम हर टेस्टिंग किट की गुणवत्ता को बनाए रखना है. हाल ही में Mylab Discovery Solutions ने Serum Institute of India और AP Globale के साथ समझौता किया है. इसके बाद Mylab Discovery Solutions एक सप्ताह में 1.50 लाख टेस्ट किट बनाने की अपनी क्षमता को बढ़ाकर लाखों किट प्रति सप्ताह करने वाला है. दरअसल, पाटिल ऐसा काम कर रही हैं जिसमें किसी भी गलती की गुंजाइश नहीं है. यानी zero room for human error. लाखों की संख्या में बन रहे टेस्ट किट में से एक में भी गलत रिजल्ट का आना सारे किए पर पानी फेर सकता है.



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