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GoSats के फाउंडर (मोहम्मद रोशन और रोशनी असलम)

आज हम जानते ऐसे भाई बहन की जोड़ी के  बारे में जिन्होने कोरोना काल में स्टार्टअप शुरु किया, आज है 3 करोड़ की कमाई |

GoSats के फाउंडर मोहम्मद रोशन और रोशनी असलम, दोनों भाई-बहन ने मिलकर 2021 में इसकी शुरुआत की थी. कंपनी आपको आपकी ऑनलाइन शॉपिंग पर बिटकॉइन रिवार्ड देती है, फिर चाहे शॉपिंग आप किसी भी प्लेटफॉर्म से कर रहे हो. आज इसका सालाना नेट रेवेन्यू 3 करोड़ रुपये का है, और अगले साल इसे 15 करोड़ रुपये की उम्मीद है.

हाल के वर्षों में, क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट तेजी से बढ़ा है. बिटकॉइन, एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसीज ने मार्केट में खूब सुर्खियां बटोरी हैं. डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) और NFTs (non-fungible token) ने क्रिप्टो इंडस्ट्री को अगले स्तर पर पहुंचाया है. DeFi प्लेटफॉर्म और NFTs के बढ़ते चलन ने न सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट साइज में बढ़ोतरी की, बल्कि निवेश के नए अवसर खोले हैं. क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट साइज साल 2026 तक 2.2 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इस लिहाज से यह 7.1% की CAGR (compound annual growth rate) से बढ़ रहा है. ये आंकड़े MarketsAndMarkets से जुटाए गए हैं.

इनोवेशन और ऑनलाइन शॉपिंग के दौर में कंपनियां क्रिप्टो इंडस्ट्री को भी खूब एक्सप्लोर कर रही है. ऐसी ही एक कंपनी है GoSats. इसकी शुरुआत कोरोना काल में भाई-बहन की जोड़ी ने मिलकर की थी. GoSats के फाउंडर हैं — मोहम्मद रोशन (सीईओ) और रोशनी असलम (हेड ऑफ फाइनेंस). कंपनी आपको आपकी ऑनलाइन शॉपिंग पर बिटकॉइन रिवार्ड देती है, फिर चाहे शॉपिंग आप किसी भी प्लेटफॉर्म से कर रहे हो. रोशन ने जनवरी 2014 में पहली बार बिटकॉइन खरीदा था. तब से वह भारत में ब्लॉकचेन/क्रिप्टो इंडस्ट्री में सक्रिय रहे हैं. श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने भारत की पहली क्रिप्टोकरेंसी SaffronCoin बनाकर अपनी क्रिप्टो यात्रा शुरू की.

उन्होंने डिसेंट्रलाइज्ड तरीके से एक दूसरे के साथ कई अलग-अलग ब्लॉकचेन ट्रांजेक्शन करने के लिए ब्लॉकचेन की इंटरऑपरेबिलिटी पर भी काम किया है. बाद में, उन्हें भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, Unocoin ने बतौर चीफ़ साइंटिस्ट हायर किया. करीब 1.5 साल के कार्यकाल के बाद, वह Throughbit के सीटीओ के रूप में शामिल हुए. यह साल 2017 की बात है, उस समय यह भारत में सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक हुआ करता था. वहीं, रोशनी ने यूके स्थित University of Strathclyde से फाइनेंस में M.Sc की डिग्री ली है. इसके बाद वे बतौर इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट क्रिप्टोकरंसी और डिजिटल एसेट इन्वेस्टमेंट फंड Alphabit में शामिल हो गईं. उन्होंने दुबई स्थित फाइनेंशियल कंसल्टेंसी फर्म ONEX AE में बतौर सीनियर रिसर्च एनालिस्ट काम किया है. क्या करता है |अपनी क्षमता के बावजूद, बिटकॉइन अभी भी जनता की पहुंच से थोड़ी दूर है.” वे आगे कहते हैं, “बिटकॉइन रिवॉर्ड प्लेटफॉर्म होने के नाते, GoSats का लॉन्ग-टर्म मिशन बिटकॉइन में निवेश को जोखिम-मुक्त तरीके से जनता तक पहुंचाना है.

उन्हें अपनी शॉपिंग पर बिटकॉइन कमाने में मदद करना बिटकॉइन और क्रिप्टो की दुनिया में मददगार साबित होगा.” बिटकॉइन न केवल आपकी सेविंग्स बढ़ा सकता है, बल्कि यह कैशबैक, पॉइंट्स, या कॉइन जैसे विकल्पों की तुलना में बेहतर रिवार्ड प्रोग्राम भी देता है. क्योंकि यह डिसेंट्रलाइज्ड है, इसकी कोई एक्सपायरी डेट या दूसरे प्रतिबंध नहीं है, और इसे आसानी से एक्सचेंज किया जा सकता है. साथ ही, रिवार्ड की वैल्यू बिटकॉइन की कीमत के साथ बढ़ती है. यूजर GoSats पर दो तरह से अपने ट्रांजेक्शन पर बिटकॉइन कमाते हैं. एक, वे GoSats कार्ड से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं और प्रत्येक खर्च पर बिटकॉइन रिवार्ड हासिल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, GoSats कार्ड पर प्रत्येक ट्रांजेक्शन यूजर को 1.5% बिटकॉइन वापस देता है. दूसरे, वे उन ब्रांड्स के वाउचर की खरीद पर बिटकॉइन कमाते हैं जिनके साथ GoSats ने करार किया है. सांकेतिक चित्र बिजनेस मॉडल GoSats के बिजनेस मॉडल के बारे में पूछने पर रोशन बताते हैं, “GoSats एफिलिएट फीस, इंटरचेंज फीस और कार्ड सब्सक्रिप्शन के जरिए पैसा कमाता है.” वे कहते हैं, “हम शुरू से ही इस बात को लेकर क्लियर थे कि एक्सचेंज और अन्य क्रिप्टो प्लेटफॉर्म की तरह हमें ट्रेडिंग में नहीं आना.” बिटकॉइन में रिवार्ड देना नए यूजर्स के लिए क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखने का सबसे सरल परेशानी-मुक्त और जोखिम-मुक्त तरीका है. और क्रिप्टो की बढ़ती दुनिया ने GoSats के निर्माण और इस खास बिजनेस मॉडल को पसंद किया. GoSats का दावा है कि वर्तमान में इसके पास 2.5 लाख यूजर्स का कस्टमर बेस है. फंडिंग और रेवेन्यू 3 साल पहले जब बिटकॉइन करीब 8,000 डॉलर था, तब फाउंडर्स को कंपनी शुरू करने के लिए अपने बिटकॉइन बेचने पड़े. उस समय उन्होंने करीब 20 लाख रुपये की कीमत के बिटकॉइन बेचे. इसके बाद, GoSats ने अगस्त 2021 में 700,000 डॉलर की सीड फंडिंग जुटाई. जून 2022 में अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में अतिरिक्त इसके बाद, GoSats ने अगस्त 2021 में 700,000 डॉलर की सीड फंडिंग जुटाई. जून 2022 में अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में अतिरिक्त 4 करोड़ डॉलर की फंडिंग हासिल की. रेवेन्यू के बारे में पूछे जाने पर, रोशन बताते हैं, “वर्तमान में हमारा सालाना नेट रेवेन्यू 3 करोड़ रुपये है. अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक हमें 15 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने की उम्मीद है.”


फाउंडर बताते हैं, “GoSats को शुरू करने के लिए नियामक स्पष्टता और अप्रूवल सबसे बड़ी बाधाएँ थीं. हम क्रिप्टो स्पेस में कुछ नया कर रहे थे जो एक्सचेंज या टोकन नहीं था. बाजार को शिक्षित करने की भी जरूरत थी, क्योंकि हमारे कई ग्राहकों की यह धारणा थी कि एक क्रिप्टो प्रोडक्ट को या तो एक्सचेंज या टोकन होना चाहिए. कई लोगों को यह समझने में कठिनाई हुई कि इस सेक्टर में और भी चीजें बनाई जा सकती हैं. वे आगे बताते हैं, “GoSats कार्ड लॉन्च करने में हमें लगभग डेढ़ साल लग गए, क्योंकि हमें तरह की स्वीकृतियां लेनी थीं जिनमें निर्भरताओं के चलते देरी हुई. अधिकारियों को हमें समझाना पड़ा कि हम एक्सचेंज नहीं हैं; हम बिटकॉइन में पेमेंट नहीं करते हैं. हमने उन्हें यह भी समझाया कि GoSats कार्ड के सभी पेमेंट्स यूजर के बैंक अकाउंट के जरिए किए गए थे. तब जाकर हमें अप्रूवल मिला और हम बिजनेस करने में सफल हुए.” भविष्य की योजनाएं GoSats के भविष्य की योजनाओं के बारे में बोलते हुए, सीईओ मोहम्मद रोशन बताते हैं, “हमारा लक्ष्य हमारे यूजर्स के लिए बिटकॉइन इकोसिस्टम का निर्माण करके भारत में बिटकॉइन कमाने का सबसे सरल तरीका प्रदान करना है. आने वाले समय में, हम नए यूजर्स जोड़कर और अधिक ब्रांड्स के साथ साझेदारी बनाकर अपने बिजनेस का विस्तार करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे. प्रोडक्ट लेवल पर, हमारी टीम हमारे यूजर्स के लिए एक बेहतर बिटकॉइन स्टैकिंग एक्सपीरियंस सुनिश्चित करने के लिए कई रोमांचक फीचर लॉन्च करने की तैयारी कर रही है.|

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