self-awareness -जीने की राह
इंसान की जिंदगी में दुख आने के जितने रास्ते हैं, उनमें से चार रास्ते हमें पता भी नहीं लगते। वे चार हैं- काल, कर्म, स्वभाव और गुण। इनसे भी जिंदगी में उथल-पुथल हो जाती है। काल यानी समय। पिछले दिनों चुनावों के परिणाम के बाद काल का क्या नतीजा होता है, यह सब ने देख लिया। कर्म भी दुख देते हैं।
कई बार मनुष्य अपने ही स्वभाव से दुखी और परेशान हो जाता है। चौथी बात गुण, यह चौंकाने वाली है। कभी-कभी मनुष्य के गुण भी उसको तकलीफ देते हैं। जैसे कोई बहुत अच्छा डॉक्टर है, समाज सेवक है। लेकिन अब 24 घंटे लोग उसकी सेवाएं लेते हैं, जिंदगी का चैन चला जाता है।
उस वाटिका में राम जी का वंदन करते हुए ऋषियों ने कहा, ‘रघुकुल केतु सेतु श्रुति रच्छक। काल करम सुभाउ गुन भच्छक।’ ‘राम जी, आप काल, कर्म, स्वभाव और गुण के भक्षक यानी नाशक हैं।’ इन रास्तों से जो दुख आता है, राम जी उस दुख को दूर करते हैं।
श्रीराम का मतलब एक ऐसी जीवनशैली, जिसमें आप सजग रहकर सफलता प्राप्त कर लेते हैं, पर अशांत नहीं होते। आज की भाषा में यूं समझें कि काल, कर्म, स्वभाव और गुण मिलकर एआई बनता है। पहले ये टेक्नोलॉजी हमारे लिए ऑटो पायलट थी। अब देखते-देखते ये को-पायलट बन गई। इसलिए भौतिक क्षेत्र के साथ आध्यात्मिक जागृति बहुत जरूरी है, जो राम ही लाते हैं।