जिंदगी में दुःख कितने भी आए
पर वो बचपन की हँसी साथ लेकर चलूँगी ” मैं “
भविष्य कितना भी धुंधला दिखें
वर्तमान लेकर चलूँगी ” मैं “
महीनों , सालों की नहीं
बस फिक्र करुँगी 24 घंटों की ” मैं “
पूरी दुनिया को नहीं जानना मुझे
पहचाना है अपने आप को
ए जिंदगी तू खेल मेरी खुशियों से
मैं भी इरादों की पक्की हूँ
मुस्कुरना नहीं छोडूँगी
मुस्कुरना नहीं छोडूँगी
अपना एक रास्ता बना लूँगी ” मैं “
इच्छा से कुछ नहीं बदलता
निर्णय कुछ बदलता है
लेकिन निश्चय से सब कुछ बदल दूँगी “मैं “