क्षमता हैं मुझमें जन्म से
जलालुद्दीन मोहम्मद रूमी (1207 -1273 ) तेरहवीं सदी के सूफी फ़ारसी कवि थे ,
जिन्हें अधिकतर रूमी के नाम से जाना जाता हैं | प्रेरणा के रूप में हम इनकी ये पंक्तियों को अपना सकते हैं |
जिन्हें अधिकतर रूमी के नाम से जाना जाता हैं | प्रेरणा के रूप में हम इनकी ये पंक्तियों को अपना सकते हैं |
क्षमता हैं मुझमें जन्म से
अच्छाई और विश्वास हैं मुझ में जन्म से
कल्पनाएँ और सपने हैं जन्म से
महान बनने के गुण हैं मुझ में जन्म से
आत्मविश्वास हैं मुझ में जन्म से
साहस हैं मुझ में जन्म से
समस्याओं पर जीत दर्ज कर पाउँगा सफलता
हैं पंख मेरे जन्म से
नहीं जन्मा हूँ मैं रेंगने के लिए
मेरे पास पंख हैं , मैं उडूँगा
मैं उडूँगा, उड़ता रहूँगा !
कल्पनाएँ और सपने हैं जन्म से
महान बनने के गुण हैं मुझ में जन्म से
आत्मविश्वास हैं मुझ में जन्म से
साहस हैं मुझ में जन्म से
समस्याओं पर जीत दर्ज कर पाउँगा सफलता
हैं पंख मेरे जन्म से
नहीं जन्मा हूँ मैं रेंगने के लिए
मेरे पास पंख हैं , मैं उडूँगा
मैं उडूँगा, उड़ता रहूँगा !