हेडी लामार ( वाई फ़ाई, ब्लुटूथ, की खोज कर्ता )
हम सब जिस वाई फ़ाई, ब्लुटूथ, CDMA जैसी तकनीक का उपयोग करते है उसे एक फिल्म अभिनेत्री ने खोजा था, आज हम “हेडी लामार” के बारे में जानते हैं जिन्हें दुनिया में उन्हें वाई-फाई की खोज करने के लिए जाना जाता हैं |
जन्म :-
हेडी लामार जन्म- 9 नवंबर, 1914,वियना, ऑस्ट्रिया एक खूबसूरत अभिनेत्री होने के साथ ही एक आविष्कारक भी थीं। आज जो वाई फ़ाई, ब्लुटूथ, सीडीएमए जैसी तकनीक का उपयोग किया जाता है, उसे बेहद खूबसूरत अभिनेत्री हेडी लामार ने खोजा था। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं. पिता एक बड़े अधिकारी और मां पियानिस्ट थीं. उनके पिता यहूदी और मां ईसाई थी. हेडी की परवरिश एक कुलीन, समृद्ध और प्रगतिशील घर में हुई, जहां शुरू से ही किताबों और संगीत का माहौल था| उनकी 1933 में आई “स्टेसी” नाम की विवादास्पद फिल्म ने उन्हें रातों-रातों लोगों के दिलों में बैठा दिया था। हेडी लामार की यह दिवानगी लोगों में 1950 तक छाई रही।सिनेमा में उनका शानदार कॅरियर था और इससे ही उन्हें शोहरत मिली थी। वह हॉलिवुड का चमकता सितारा थीं। हेडी लामार ने छ: विवाह किये थे। जन्म के वक्त उनका नाम ‘हेडविग ईवा मारिया कीस्लर’ रखा गया था। वह एक रईस यहूदी परिवार में पैदा हुई थीं।सबसे पहले उन्होंने एक हथियारों के डीलर उद्योगपति से शादी की थी। वह उनके तब शुरू ही हुए अभिनय के कॅरियर से खुश नहीं थे। उन्होंने उन्हें अपने दोस्तों और सहयोगियों के लिए मेजबान बनने का मौका दिया। उनके दोस्तों में कई नाज़ी भी शामिल थे।
बचपन से ही, जब वह अपने पिता के साथ लंबी सैर पर जाती थीं, जो पिता टेक्नोलॉजी और विज्ञान की ढेर सारी कहानिया सुनाते थे. हेडी के लिए सिर्फ इतना जानना काफी नहीं था कि ये बल्ब है, जो बिजली से जलता है. या ये रेडियो है, जिसमें आवाजें आती हैं. उनके सवाल होते कि बल्ब जलता कैसे है, बिजली कहां से आती है, बिजली कैसे बनती है. क्या इस रेडियो के अंदर घुसकर लोग बैठे हुए हैं. इसमें से आवाज कैसे आ रही है. अगर कोई सैकड़ों मील दूर कहीं और बैठकर बोल रहा है तो वो आवाज इस डिब्बे से कैसे आ रही है. पिता बड़े धैर्य से हेडी के इन सारे सवालों का जवाब देते. पिता ने अपनी नन्ही बिटिया को कुछ इस तरह पाला कि वह बड़ी होकर एक आजादख्याल, उन्मुक्त और तार्किक स्त्री बने. हेडी हर गलत बात का विरोध करने वाली, अपने मन की सुनने वाली, डूबकर प्रेम करने वाली और प्रेम से भी ऊपर अपनी आजादी को चुनने वाली एक स्त्री थी, हेडी भागकर पेरिस चली गई और फिर वहां से लंदन. लंदन में हेडी की मुलाकात लुइस बी. मेयर से हुई. यह वही लुइस थे, जो प्रसिद्ध मेट्रो गोल्डवियन मियर स्टूडियो के प्रमुख थे. लुइस ने हेडी को हॉलीवुड बुला भेजा. यहीं से हेडी के हॉलीवुड कॅरियर की शुरुआत हुई. उन्होंने अपने समय की कई महत्वपूर्ण फिल्मों में अभिनय किया और बतौर अभिनेत्री खूब दौलत और शोहरत दोनों कमाई. दूसरे विश्व युद्ध के समय हेडी उन मित्र देशों के साथ थीं, जो जर्मनी के खिलाफ लड़ रहे थे. इसी दौरान उन्हें पता चला कि मित्र देश एक रेडियो कंट्रोल्ड टारपीडो का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन उसके साथ सबसे बड़ा खतरा ये था कि वो अकसर दुश्मन देशों के हाथ लग जाता. वे उसकी फ्रीक्वेंसी को हैक कर दूसरे की बातें सुन लेते या उसे जैम करके मैसेज को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने से रोक सकते थे. तभी हेडी के दिमाग में एक आइडिया आया. ये आइडिया उन्होंने अपने मित्र कंपोजर और पियानिस्ट मित्र जॉर्ज एंथील के साथ साझा किया. आइडिया ये था कि अगर एक फ्रीक्वेंसी हॉपिंग सिगनल बनाया जाए तो शायद वह संभवत: टारपीडो के रेडियो गाइडेंस सिस्टम का बचाव कर सकता है. उसके बाद दोनों ने मिलकर एक फ्रीक्वेंसी हॉपिंग सिगनल विकसित किया, जिसकी मदद से मित्र देशों के टारपीडो बिना जाम में फंसे या ट्रैक हुए आसानी से जा सकते थे. आगे चलकर हेडी लामार और जॉर्ज की विकसित की गई इसी तकनीक का इस्तेमाल कर ब्लू टूथ या वाई-फाई जैसी टेक्नोलॉजी को विकसित किया गया. लेकिन इस दिशा में पहला कदम रखने का श्रेय हेडी लामार को जाता है.
30 से अधिक फिल्मों के जरिए उनकी सफलता ने उन्हें मशहूर कर दिया था, लेकिन उन्हें असली ख्याति उनके आविष्कारक होने की वजह से मिली। हेडी लामार ने मित्र देशों के लिए एक गाइडेंस सिस्टम डिवेलप किया था। यह गाइडेंस सिस्टम टॉरपीडो के लिए था। फ्रीक्वेंसी को स्विच करने के जरिए दुश्मन उन टॉरपीडो को जाम न कर पाएं, इसके लिए उन्होंने इस गाइडेंस सिस्टम को ईजाद किया था। उनकी खोजों के तत्वों को आज के ब्लूटूथ और वाईफाई टेक्नोलॉजी में देखा जा सकता है।