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साहस की पहचान

साहस की पहचान
हमारे प्रिय  ए पी जे अब्दुल कलामजी  की किताब ” आपका भविष्य आपके हाथ में ”
इस किताब में कलाम जी ने साहस के बारे में और उसकी पहचान के बारे में अलग -अलग तरीके से बताया है
आज में आपको  उनके लिखे हुए , शब्दों में साहस की पहचान के बारे में बताती हूँ

 ” डर लगने पर भी आगे बढ़कर
वही करना जो उचित है – यही साहस हैं |
जिसे डर ही नहीं लगता वह मूर्ख है ,
और जो डर को खुद पर हावी हो जाने देता है 

वह निस्सदेंह कायर है | 
साहस का अर्थ है वह करना जो करने में आपको डर लगता है | ”

“मुसीबतों के आगे झुके बिना अगर हम
बेख़ौफ़ होकर उनके बीच में रास्ता बनाने
का फैसला कर लें , तो तमाम रुकावटें खुद ब खुद
गायब हो जाती हैं |
सही का साथ देना ही साहस की पहचान है | ”

“अपनी जिंदगी के दायरे
को बढ़ाना और परिचित
परिस्थितियों से आगे बढ़कर
नए रास्ते खोजना
ही साहस की पहचान है |  ”

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