Biography

गौर गोपाल दास

गौर गोपाल दास एक रोल मॉडल, साधू , सन्यासी, मोटिवेशनल स्पीकर और लाइफस्टाइल कोच हैं और कई लोगों के लिए एक नायक, ने युवाओं को अपने उद्धरणों से प्रेरित किया है | गौर गोपाल दास की जीवनी में कुछ का उल्लेख करने के लिए “चेकमेट,” “विजय,” और “पुनरुद्धार” सहित कई उपन्यास और किताबें भी लिखी हैं। आइए जानते हैं गौर गोपाल दास के जीवन के बारे मेँ ।

प्रारंभिक जीवन -:

उनका जन्म 1973 में भारत के महाराष्ट्र राज्य में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा संत जूड हाई स्कूल, डेहरोड, पुणे, महाराष्ट्र से पूरी की। वह कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक हैं और 1992 में स्नातक प्राप्त की और फिर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ 1995 में पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक किया, जिसके बाद उन्होंने हेवलेट में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में काम किया।लेकिन, 1996 में उन्होंने हेवलेट पैकर्ड को छोड़ दिया और इस्कॉन में शामिल हो गए। 2018 में, उन्होंने अपनी पुस्तक: लाइफस अमेजिंग सीक्रेट्स, प्रकाशित की और के कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी शिक्षा केन्द्र द्वारा एक मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की |गौर गोपाल दास एक प्रेरक वक्ता हैं, वे इस्कॉन चौपाटी शाखा के सदस्य के रूप में भारत और विदेशों में व्यवसायों और संस्थानों में व्याख्यान देते रहे हैं। उनके पाठ्यक्रम में संतोष, उपलब्धि और रिश्ते जैसे विषय शामिल हैं। गौर गोपाल दास एक प्रेरक वक्ता हैं, उन्होंने एक बार लंदन में अंतरराष्ट्रीय पेशेवर सेवा कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग में “द मॉन्क हू बॉट ए फेरारी” शीर्षक से दिया था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बार्कलेज, इंफोसिस, बैंक ऑफ अमेरिका, मैकिंटोश, फोर्ड, ईवाई और अन्य सहित कई निगमों में व्याख्यान दिया है।

बचपन से ही गोपाल दास शरारती बालक और कुशाग्र बुद्धि के थे। गोपाल दास पढ़ाई में भी बहुत होशियार थे। वर्ष 2016 में गोपाल दास जी को इंग्लैंड की संसद में “Balance Between Spirituality and Success” के विषय पर भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था। दुनिया के बड़े कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों में गोपाल दास जी को आध्यात्म के विषय एवं भागवद गीता के विषय पर व्याख्यान देने के लिए बुलाया जाता है। गोपाल दास को जीवन के गहरे ज्ञान पर सेमिनार , व्याख्यान देने का 15 वर्षों से अधिक समय का अनुभव है। गोपाल दास बताते हैं की जब वह पहली बार सफ़ेद कपड़े पहने हुए , सर को मुंडवाए हुए ,माथे पर चंदन का टीका आदि को देखकर गोपाल दास के मां-बाप बहुत ज्यादा भावुक हो गए। भावुकता के कारण गोपाल दास के मां-बाप की आँखों में आंसू आ गए। पहले तो गोपाल दास के पिता इस रूप को देखकर काफी नाराज़ हुए पर गोपाल दास के समझाने पर उन्होंने देखा की गोपाल की खुशी आध्यात्म है। जिसके बाद गोपाल के माता-पिता मान गए।वर्ष 2016 में अध्यात्म के क्षेत्र में अपना बेहतरीन योगदान देने के लिए इंटरनेशनल सुपर नेचुरल अवार्ड से सम्मानित किया गया।
प्रसिद्ध स्पीकिंग प्लेटफार्म TEDx में गोपाल दास अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए बहुत बार मोटिवेशनल स्पीच दे चुके हैं।

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