इस अंधेरी दुनिया मे
इस अंधेरी दुनिया मे
उम्मीद की किरण से चलो |
अपने मान,सम्मान के
हक़ के लिए लड़कर चलो |
किसी की पत्नी, बहु , बेटी
माँ की पहचान से नहीं
अपने नाम से चलो |
रोने के लिए किसी
कंधे की जरुरत ना पड़े
अपने आँसूओ को पोंछकर चलो |
एक घर से दूसरे घर के
पिंजड़े में कैद ना रहो
उन बंदिशों को तोड़कर चलो |
किसी की शर्तो पर नहीं
अपने बनाये नियम पर चलो |
किसी के सपने की लिए नहीं
अपनी मंजिल के लिए चलो |
किसी के साथ चलने की आदत मत डालो
इंतजार तुम्हें स्वतंत्र होनें से रोकता है
सतर्कता, अक्लमंदी से अकेले चलो |
तुम भी खुशी के हक़दार हो
अपनी मुस्कान की खातिर चलो |
Salute my wife