Self Awareness – मन पर काम करें तो दिमाग अपने आप काबू में रहेगा
अधिकांश लोगों का दिमाग ज्यादातर मौकों पर चलता ही रहता है। इस ओवर थिंकिंग के कारण तनाव, अवसाद और हिंसात्मक प्रवृत्ति आने लगती है। हमें इस बात पर लगातार ध्यान देना चाहिए कि हमारा दिमाग कब-कब चलता है। पूजा में, भोजन करते समय, किसी घटना में, किसी व्यक्ति को देखकर दिमाग चल पड़ता है। दिमाग पर काम करें तो ध्यान रखना कि दिमाग एक परदा है और मन एक ऐसा प्रोजेक्टर है, जो उस परदे पर फिल्म दिखाता है। काम मन पर करिए, दिमाग रूपी परदा अपने आप कंट्रोल में आ जाएगा। और क्योंकि मन या तो भविष्य में घिरा हुआ है या अतीत की बात सोचता है, इसलिए इसे वर्तमान में टिकाना चाहिए। और उसके लिए हमें एक शून्य पैदा करना है। अभी हम मोबाइल के प्रकाश में दूबे हुए हैं, थोड़ी देर के लिए ध्यान करिए। जो एक शून्य है, अंधकार है। ध्यान से शांति देने वाला एंडोर्फिन हॉर्मोन सरलता से तैयार हो जाता है। इस दिमाग के पीछे के प्रोजेक्टर पर काम करें, तो दिमाग सही ढंग से सही जगह चलेगा।