Article15
देश ने दिया ” समानता का अधिकार “
एक जैसा बनाया “भगवान” ने
जाति के नाम भेदभाव कर
दिया हम इंसान ने |
किताबों को पढ़कर ज्ञानी बनते हैं
उनको जीवन में अपनाकर
हम सफल बनते है
संविधान पढ़कर भी
अनदेखा करने की भूल कर दी हम इंसान ने |
शब्द नहीं है अपराधियों के बारे में
कहने को
इंसानियत तो कहीं गुम कर दी
अपने जीवन में
मासूम बच्चों को भी नहीं छोड़ते
कहीं जाति के नाम पर
कहीं धर्म के नाम पर
अपराध करते है ये |
अपराध करते है ये |
आज़ादी मिलने के बाद भी
डर -डर के जी रहें है लोग
जुर्म को सहने के लिए मजबूर कर
रहे है लोग |
कहीं कोई पुलिस प्रशासन
कहीं कोई नेता
कहीं कोई गंदी सोच के
लोग बढ़ावा दे रहे है अपराध को
कसूर क्या था ” निर्भया “का
कसूर क्या था U . P की उन दो मासूमों का
दिल दहलाने वाले अपराध होने पर भी
क्यों चुप्पी सादे हो |
सच कहते मांगने से कुछ नहीं मिलता
छीनना पड़ता हैं
इंसाफ कहीं अन्याय के तले दब गया है
छीन ने से ही मिलेगा
दिमाग में भेदभाव मत पनपने देना
दिल में इंसानियत बनाये रखना
अब तो संभल जाना
देश को article 15 return बनाने का मौका मत देना |