Biography

सुनीता विलियम्स की जीवनी

सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर ने हाल ही में अंतरिक्ष में 286 दिन बिताए। वे 8 जून 2024 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे। हालांकि, उनका मिशन केवल 8 दिनों का था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें ISS पर अधिक समय बिताना पड़ा। वे भारतीय समयानुसार 19 मार्च 2025 को सुबह 3:27 बजे स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के माध्यम से पृथ्वी पर लौटे, जो फ्लोरिडा के तट के पास मेक्सिको की खाड़ी में उतरा। लैंडिंग के बाद, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को स्ट्रेचर पर ले जाया गया। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, क्योंकि लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने में समय लगता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इसरो प्रमुख ने उनकी सुरक्षित वापसी पर बधाई दी, जिससे यह मिशन और भी महत्वपूर्ण बन गया। इस प्रकार, सुनीता विलियम्स ने इस मिशन के दौरान कुल 286 दिन अंतरिक्ष में बिताए और 19 मार्च 2025 को सुबह 3:27 बजे पृथ्वी पर लौटीं।

उनके जीवन के बारे में जानते हैं -:

सुनीता विलियम्स की जीवनी -: पूरा नाम: सुनीता लिन विलियम्स
जन्म: 19 सितंबर 1965
जन्म स्थान: यूक्लिड, ओहायो, अमेरिका
पेशा: नासा अंतरिक्ष यात्री, अमेरिकी नौसेना अधिकारी
माता-पिता: दीपक पंड्या (भारतीय मूल), बोनी पंड्या

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सुनीता विलियम्स का जन्म अमेरिका के ओहायो राज्य में हुआ था। उनके पिता भारतीय मूल के थे और उनकी माता स्लोवेनियाई मूल की थीं। सुनीता ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से भौतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में अमेरिकी नौसेना में भर्ती हुईं।

अंतरिक्ष यात्रा

  • पहली अंतरिक्ष यात्रा (2006-2007): सुनीता विलियम्स ने 9 दिसंबर 2006 को STS-116 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा की। इस मिशन में उन्होंने 195 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर महिलाओं द्वारा किया गया सबसे लंबा अंतरिक्ष प्रवास का रिकॉर्ड बनाया।
  • दूसरी अंतरिक्ष यात्रा (2012): उन्होंने सोयुज TMA-05M मिशन के तहत अंतरिक्ष में 127 दिनों का समय बिताया।

प्रमुख उपलब्धियाँ

  • अब तक कुल 322 दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं।
  • उन्होंने अंतरिक्ष में 7 बार स्पेसवॉक किया, जो महिलाओं में सबसे अधिक है।
  • 2024 में, उन्हें Boeing Starliner मिशन के लिए चुना गया है, जिससे वे फिर से अंतरिक्ष यात्रा करेंगी।

सम्मान और पुरस्कार

  • नासा स्पेस फ्लाइट मेडल
  • नौसेना और मरीन कोर मेडल
  • पद्म भूषण (भारत सरकार द्वारा)

व्यक्तिगत जीवन

सुनीता को दौड़ना, तैराकी और साइकलिंग का शौक है। वह मैराथन दौड़ने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री भी हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में रहते हुए बोस्टन मैराथन में भाग लिया था।

निष्कर्ष

सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की एक गर्वनीय महिला हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनकी कहानी युवाओं को प्रेरित करती है कि मेहनत और समर्पण से कुछ भी संभव है।

सुनीता विलियम्स अब तक 322 दिन 17 घंटे 2 मिनट अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं। उन्होंने दो बार अंतरिक्ष यात्रा की

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