इसरो चेयरमैन के शिवन् (चंद्रयान-3)
कैलासवटिवु शिवन् (जन्म : 14 अप्रैल 1957) भारत के एक अन्तरिक्ष वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष हैं। ड़ॉ के शिवन् का जन्म भारत के तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी जिले में नागरकोइल के पास मेला सरक्कलविलाई में हुआ था। उनके माता-पिता कैलासावदीवुनादार और चेलमल्ल हैं। डॉ के शिवन् की पत्नी का नाम मलाथी सिवन है जो कि एक हाउस वाइफ है। सिवन के दो बच्चे हैं, जिनके नाम सिद्धार्थ सिवन और सुशांत सिवान है। शिवन् को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है।
22 जुलाई 2019 को चंद्रमा पर भारत का दूसरा मिशन चंद्रयान-2 Iलॉन्च किया गया था। के शिवन को भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉ शिवन् किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करते। हाल ही के कुछ समय में के सिवन दुनिया भर के लोगों और भारतीयों के लिए हीरो और प्रेरणा बन गए है। शिवन् एक ऐसे इंसान है जो एक किसान के बेटे से इसरो प्रमुख बने हैं, जो उनके पिता और पूरे भारत के लिए बहुत गर्व की बात है।
डॉ के शिवन् का कैरियर और उपलब्धियां
डॉ के शिवन् मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद वर्ष 1982 में इसरो (ISRO) में शामिल हुए। यहां नौकरी करने के साथ-साथ उन्होंने साल 2006 में आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डॉक्ट्रेट (पीएचडी) की उपाधि हासिल की। इसके अलावा वे इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और सिस्टम सोसाइटी ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। आपको बता दें कि पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) प्रोजेक्ट में 2018 में सिवन को ISRO का प्रमुख नियुक्त किया गया था और इसके साथ ही उन्होंने मिशन प्लानिंग, मिशन डिजाइन, मिशन इंटीग्रेशन एंड एनालिसिस में अहम योगदान दिया था।
डॉ के सिवन मिशन चंद्रयान -:
हालही में यानि 14 जुलाई को हमारे देश के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा का सफलता पूर्वक लांच किया गया है कि यह चंद्रयान 23 अगस्त शाम 6.30 को चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा.
के शिवन एक ऐसे इंसान है जिन पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। उनका इसरो में जो योगदान रहा है उसे पूरा देश कभी नहीं भूल सकता। हम जानते हैं कि एक किसान के बेटे होने से इसरो का प्रमुख बनने तक के लिए उन्हें कितना लंबा सफर तय करना पड़ा होगा। हमें उम्मीद हैं कि डॉ के शिवन चंद्रयान 3 की तरह भारत को अन्य कई उपलब्धियां हासिल करवाने में मदद करेंगे।